Autoimmune Disease in Hindi -Types, Symptoms, Diagnosis & Treatment

Rate this post

Autoimmune Disease in Hindi : आज के लेख में दोस्तों हम जानने वाले हैं Autoimmune Disease के बारे में कि Autoimmune Disease, Types, Symptoms, Diagnosis & Treatment in Hindi अर्थात ऑटोइम्यून बीमारी क्या है? और इसके प्रकार, लक्षण, निदान और उपचार क्या है?

Autoimmune Disease in Hindi – ऑटोइम्यून रोग क्या होता है?

Autoimmune Disease ऐसे कंडीशन को कहते हैं जिसमें खुद का शरीर ही अपना दुश्मन बन जाता है। अर्थात इसमें मरीज के खुद का Immune System अपने ही हैल्थी Cells (कोशिका) पर Attack करना शुरू कर देता है।

Immune System का काम हमारे बॉडी को बैक्टीरिया, वायरस, Parasite और दूसरे Micro- organism से बचाना है। जैसे ही Immune System बैक्टीरिया, वायरस, Parasite और दूसरे Micro- organism के आक्रमण को Sense करता है तो Immune System तुरंत एक्टिव होता है और फॉरेन बॉडी या Cells (Micro-organism) पर अटैक करता है।

लेकिन ऑटोइम्यून डिजीज में जो इम्यून सिस्टम है वो Body के Normal कोशिका को ही बाहर का, Micro-organism समझकर उन पर अटैक करना शुरू कर देता है। तो उस कंडीशन को Autoimmune Disease कहते है।

Autoimmune Disease के कंडीशन में Immune System से Auto Antibody Protein रिलीज़ होता है जो कि हैल्थी cells पर attack करना शुरू कर देता है।

कुछ ऑटोइम्यून डिजीज केवल एक ही अंग (Organ) को टारगेट करती है लेकिन कुछ ऑटोइम्यून डिजीज ऐसी होती है जो कि पूरे शरीर को प्रभावित करती है।

Autoimmune Disease ज्यादातर महिलाओं में देखा गया है और जो फैमिली में फैलता है।

Types/List of Autoimmune Disease in Hindi – ऑटोइम्यून रोग के प्रकार क्या है?

Autoimmune Diseases करीब 18 प्रकार (Types) के होते हैं जिसमें से कुछ का List हमने नीचे दिया हुआ है।

autoimmune disease list :

  • Type 1 Diabetes
  • Hashimoto’s Thyroiditis
  • Myasthenia gravis
  • Addison’s Disease
  • Autoimmune Vasculitis
  • Pernicious Anemia
  • Celiac Disease
  • Rheumatoid Arthritis (RA)
  • Psoriasis
  • Inflammatory Bowl Disease (IBD)
  • Grave’s Disease
  • Sjogren’s Syndrome
  • Multiple Sclerosis
  • Systemic lupus erythematosus (SLE)

Autoimmune Disease Symptoms in Hindi – ऑटोइम्यून बीमारी के लक्षण

Autoimmune Disease के Symptoms की बात की जाए तो इसके बहुत से लक्षण (Symptoms) हैं जो सामान्य तौर पर देखा जाता है।

  • थकान (Fatigue)
  • त्वचा से संबंधित समस्या (Skin Problems)
  • जोड़ों में दर्द और सूजन (Joint Pain & Swelling)
  • पेट में दर्द ( Abdominal Pain)
  • पाचन में समस्या (Digestive Problem)
  • बुखार (Fever)
  • ग्रंथियों में सूजन (Swollen in Glands)
  • मन मचलना ।

Diagnosis of Autoimmune Diseases in Hindi – ऑटोइम्यून बीमारी का निदान

एक सिंगल टेस्ट करके Autoimmune Disease को Diagnose नहीं किया जा सकता है। ऑटोइम्यून बीमारी के निदान के लिए, डॉक्टर पहले Physical Examination करते हैं और उसके बाद Symptoms देखते है और कुछ टेस्ट करवाने को कहते हैं।

जैसे कि ANA (Antinuclear Sedimentation Rate) Test यह एक ऐसा टेस्ट है जिसके द्वारा
Autoimmune Disease को Diagnose किया जा सकता है। यदि यह टेस्ट पॉजिटिव आता है तो Confirmation के लिए डॉक्टर कोई और test Suggest कर सकता है।

कुछ और Autoimmune Disease संबंधित टेस्ट

  • CBC
  • Erythrocyte Sedimentation Rate (ESR)
  • C-reactive Protein (CRP)
  • Urine Exam R/M

Treatment of Autoimmune Diseases – ऑटोइम्यून बीमारी का उपचार

Autoimmune Diseases के Treatment की बात की जाए तो इसका कोई Specific इलाज नहीं है। हर Disorders के हिसाब से Treatment होता है।

Autoimmune Diseases में ज्यादातर दर्द और सूजन होता है तो इसके उपचार के लिए Analgesics दर्द को कम करने के लिए, NSAIDs दर्द और सूजन दोनों कम करने के लिए, Steroids जो कि सूजन को कम करता है और Immune System को नियंत्रित करता है।

इन्हे भी पढ़े

Autoimmune Diseases के Risk Factor क्या – क्या है?

Risk Factor मतलब किन्हें Autoimmune Disease होने के Chances ज्यादा होते हैं।

  • अनुवांशिकी (Genetics)
  • ज्यादा वजन (Over Weight)
  • धूम्रपान (Smoking)
  • कुछ दवाइयों से (Some Medicines)

Autoimmune Disease से सम्बंधित प्रश्न – उत्तर {FAQs}

Autoimmune Disease क्यों होता है?

Autoimmune Disease होने का सटीक कारण अभी तक कोई बता नहीं पाया है। लेकिन Immune System के अतिरिक्त क्रियाशील होने होने के कारण Autoimmune Disease या Disorder हो सकते है।

autoimmune रोग के लिए सबसे अच्छा भोजन क्या है?

Autoimmune Diseases को नियंत्रित करने के लिए आहार में हरी सब्जी, फल, विटामिन डी, जिंक, विटामिन सी और मछली का सेवन करना चाहिए।

Autoimmune Diseases को नियंत्रित करने के लिए आहार में क्या नहीं लेना चाहिए?

Autoimmune Diseases को नियंत्रित करने के लिए आहार में तली हुई चीजें, बटर, घी, लाल मास, अंडे, एल्कोहॉल, डेरी प्रोडक्ट आदि का इस्तेमाल आहार के रूप में नहीं करना चाहिए।

Autoimmune (हेपेटाइटिस) रोग का आयुर्वेदिक इलाज (उपचार) क्या है?

Autoimmune रोग का आयुर्वेदिक उपचार के लिए आहार में हल्दी, लाल मिर्च, विटामिन ई – मछली, अश्वगंधा, अदरक का इस्तेमाल करें।

Autoimmune रोग का Natural उपचार क्या है?

Autoimmune रोग का Natural उपचार शारीरिक व्यायाम, योगा, ज्यादा से ज्यादा गर्म पानी पिए, वजन घटाएं, अच्छी नींद, मालिश आदि है।

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का कारण क्या है?

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का कारण मेडिसिन, जेनेटिक, संक्रमण, आहार आदि है।

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के Diagnosis के लिए कौन सा Sample आवश्यक है?

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के Diagnosis के लिए Blood Sample आवश्यक होता है।

क्या ऑटोइम्यून बीमारी ठीक हो सकती है

जी हाँ, ऑटोइम्यून बीमारी ठीक हो सकती है इसके लिए आपको अपने बॉडी का पूरा ख्याल रखना होगा और कुछ सावधानियाँ बरतनी होगी।

प्रतिरक्षा विकार क्या है?

Autoimmune Diseases को ही प्रतिरक्षा विकार कहते है जिसमे इम्यून सिस्टम अपने ही स्वस्थ कोशिका को प्रभावित करती है। यह बीमारी कई प्रकार के होते है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता कितने प्रकार के होते हैं?

रोग प्रतिरोधक क्षमता अर्थात Immunity दो प्रकार के होते है पहला जन्मजात प्रतिरक्षा (Innate Immunity) और दूसरा अर्जित प्रतिरक्षा (Acquired Immunity) .

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आहार की क्या भूमिका है?

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आहार की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसी से हमारे बॉडी को कई तरह के Vitamin’s और Minerals मिलते है जो शरीर के पर्याप्त पोषण में सहायक होते है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी, अदरक, लहसून, बदाम, ग्रीन टी, पपीता और पालक ऐसे खाद्य पदार्थ है जो काफी हद तक आपके इम्युनिटी को बढ़ाता है।

प्रतिरक्षा की कमी से कौन सी बीमारी होती है?

प्रतिरक्षा की कमी से आने प्रकार की संक्रामक बीमारिया होती है।

इम्यूनिटी का हिंदी में अर्थ क्या होता है?

इम्यूनिटी का हिंदी में अर्थ प्रतिरोधक क्षमता होता है।

Final Words on Autoimmune Disease

उम्मीद करते हैं कि आप सभी को यह लेख पसंद आया होगा। आज हमने Autoimmune Disease, Types, Symptoms, Diagnosis & Treatment in Hindi अर्थात ऑटोइम्यून बीमारी क्या है? और इसके प्रकार, लक्षण, निदान और उपचार क्या है? के बारे में पूरी जानकारी दी है।

अगर आप इस लेख से संबंधित कोई भी जानकारी हमें देना चाहते हैं। तो हमे conect फॉर्म के द्वारा बता सकते है। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों फैमिली के साथ शेयर करना ना भूले।

कोई भी दवाई और प्रोडक्ट के उपयोग से पहले डॉक्टर का सलाह जरूर ले। और हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। धन्यवाद

I am Tamesh Sonkar, Founder of Tabletuseshindi.in. My age is now 21 years and I am a registered Pharmacist. I like to know and give information about Medicines.

1 thought on “Autoimmune Disease in Hindi -Types, Symptoms, Diagnosis & Treatment”

Leave a Comment

Share via
Copy link
Powered by Social Snap